सतना। जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रो.अश्विनी ए. बाऊ के मार्गदर्शन में शोध छात्रा चारु व्यास ने "भारी धातुओं के प्रति सहनशीलता के साथ चार बैक्टीरियल उपभेदों का उपयोग करके क्रोमियम और सीसा-दूषित मिट्टी का बायोरेमेडिएशन" शीर्षक से अपना शोध पत्र प्रस्तुत करके विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया। नवंबर से आयोजित अनुसंधान विद्वानों के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मेलन - विकसित भारत (विविभा) 2024 के लिए विजन में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास लक्ष्य विषय पर एस.जी.टी.विश्वविद्यालय, गुरूग्राम, हरियाणा में भारतीय शिक्षण मंडल-युवा आयाम द्वारा आयोजित किया गया था। आयोजन समिति ने बायोरेमेडिएशन के माध्यम से भारी धातु संदूषण के लिए उनके दृष्टिकोण के लिए शोध पत्र की प्रशंसा की। उन्हें
मान्यता प्रमाण पत्र प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा प्रदान किया गया। जिनमें राष्ट्रीय महासचिव डॉ. भरत शरण सिंह, युवा आयाम के संयोजक अमित रावत और एकेएस के कुलपति डॉ. बी.ए. चोपड़े, डॉ. सच्चिदानंद जोशी और भारतीय शिक्षण मंडल के अनुसंधान प्रमुख सहित अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मेलन में भाग लिया।उनकी उपलब्धि पर
प्रो.जी. पी. रिछारिया, डीन और प्रो. कमलेश चौरे, प्रमुख, जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए चारू और प्रो.अश्विनी को बधाई दी।
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