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केंद्र की योजना पर लगा विलंब का पलीता, जन परेशान
सतना। औद्योगिक रुप से विकसित सतना शहर में पेयजल आपूर्ति जैसी अति महत्वपूर्ण व्यवस्था का आवश्यकता अनुसार विस्तार नहीं हो पाया है। सतना नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत लगभग आधे शहर में गर्मी के साथ ही जलसंकट जैसी समस्या सामने आती है। सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार की अमृत योजना अंतर्गत पेयजल आपूर्ति व्यवस्था विस्तारित नहीं हो पाई है। जिसके कारण आधे शहर में पीने का पानी हासिल करना लोगों के लिए टेढ़ी खीर साबित होता है। सतना नगर निगम एरिया में तकरीबन 15 से 20 ऐसे वार्ड हैं जहां बसी कालोनियों में आवश्यकता अनुसार पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। जिसके कारण मार्च माह से ही आधे शहर में पानी की किल्लत नजर आने लगती है। सतना नगर निगम की लापरवाही के कारण केंद्र सरकार की अमृत योजना का काम करीब तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया है। जिस बाहरी एजेंसी को अमृत योजना का काम सौंपा गया है उसका मैनेजमेंट लापरवाही बरतने का आदी हो गया है। इसके बाद भी नगर निगम आयुक्त अमनवीर सिंह बेलगाम ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। सतना शहर में तकरीबन बीस वार्ड की आबादी पानी के नाम पर सबसे अधिक परेशान होती है। आवश्यकता अनुसार सतना नगर निगम पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को लागू नहीं कर पाया है। इस वजह से पीने के पानी तक का महासंकट लोगों को मजबूरी में झेलना पड़ता है। फिलहाल टैंकरों की पर्याप्त उपलब्धता भी सतना नगर निगम एरिया में नजर नहीं आ रही है। मार्च माह से सतना शहर के एक बड़े हिस्से में पेयजल के नाम पर जनमानस को परेशानी का सामना करने के लिए विवश होना पड़ता है। सतना शहर के मारुति नगर सहित कुछ और मोहल्लों में भीषण जलसंकट की स्थिति बढ़ती गर्मी के साथ सामने आने लगती है। नगर निगम आयुक्त अमनवीर सिंह के लिए गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को असरकारक बनाए रखने की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। विंध्य क्षेत्र के रीवा और सतना दोनों शहरों में परस्पर पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत नहीं किया गया है। कागजों में योजनाएं जरुर बनाई गई पर शासन स्तर से भी जिम्मेदारों ने गंभीरता दिखाना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझा। *विकास का ढिंढोरा पीटने वाले सभी नेताओं के लिए दोनों शहरों के हालात अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।*
42 करोड़ की परियोजना पर मंडराए संकट के बादल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत 42 करोड़ की परियोजना को लागू किया गया है, लेकिन निर्माण एजेंसी की लापरवाही के कारण परियोजना का काम मंजिल से 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर बना हुआ है। यही वजह है कि सतना नगर निगम के तकरीबन 20 ऐसे वार्ड हैं जहां पर नगर निगम पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम नहीं कर पाया है। हासिल जानकारी के मुताबिक बाहर की जिस निर्माण एजेंसी को पेयजल परियोजना का काम सौंपा गया है, उसका मैनेजमेंट पूरी तरह से बेलगाम हो चुका है। यही वजह है कि सतना शहर में तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी पेयजल परियोजना का कार्य मंजिल से काफी दूर बना हुआ है। नगर निगम आयुक्त अमनवीर सिंह के लिए परेशान जनमानस को पेयजल के मामले में राहत देना आसान साबित नहीं होगा।
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