Header Ads Widget

Responsive Advertisement

सिस्टम की जड़ों में समाया अपराध, बेलगाम हुआ सट्टा कारोबार


उद्घोष समय "राष्ट्रीय मासिक पत्रिका"
जिले के सभी थानों में गुपचुप संचालित होते हैं अड्डे


विशेष रिपोर्ट। अपराध मुक्त समाज की परिकल्पना साकार रुप लेगी ऐसी उम्मीद दूर दूर तक नजर नहीं आती है। हमारे नेता, पुलिस और प्रशासन के अफसर मुंह जुवानी जरुर अपराध मुक्त समाज की बातें करते हैं पर ऐसा संभव हो सके इसके लिए ठोस प्रयास जानबूझकर नहीं किए जाते हैं। अवैध शराब की तर्ज पर सट्टे का कारोबार सिस्टम की जड़ों तक फैल गया है। सतना जिले के शहरी और ग्रामीण के सभी थानों में सट्टे कारोबार की पहुंच असरदार हो चुकी है। हमारी पुलिस भी छुटपुट कार्रवाई करते हुए अपनी पीठ स्वयं थपथपाने का काम करने तक सीमित रहती है। जिले के सभी थानों में कोरोनावायरस से भी खतरनाक सट्टा वायरस फैल चुका है। जो परिवार और घरों को तबाह करने में लगा हुआ है। सट्टा के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई दिखावे की परंपरा तक सीमित रह गई है। सट्टा कारोबार में संलिप्त लोगों का मजबूत नेटवर्क किसी से छिपा नहीं है। यह आम जनता भी जानती है कि जिस दिन हमारी पुलिस शत प्रतिशत ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने लगेगी तो अपराध जिले की सीमा से अपने आप बाहर हो जाएगा। लेकिन ऐसा सिर्फ सपनों में ही संभव हो सकता है। जिले के सभी थानों में सट्टा वायरस मजबूती के साथ फैल चुका है। अपराध मुक्त समाज के खोखले दावे तक हमारी पुलिस सीमित रहती है। 
बहती गंगा में डुबकी लगाने वालों की कमी नहीं
सट्टा का कारोबार जिले की पहचान बन गया है। हर थाना इस व्यवस्था से गुलजार होता है। बहती गंगा में डुबकी लगाने वालों की कोई कमी नहीं है। पुलिस के साथ साथ कुछ मीडिया हाउस से जुड़े ऐसे लोग हैं जो बराबर सट्टे के अड्डों से अपना कमीशन हासिल करते हैं और इस समस्या को हमेशा संरक्षण देते हैं। शहर मुख्यालय के सिटी कोतवाली, सिविल लाइंस और कोलगवां थाना क्षेत्र सट्टे के लिए आज भी प्रमुखता से जाना जाता है। थानों की पुलिस छोटी-छोटी कार्रवाई को अंजाम देते हुए विभाग के आला अधिकारियों को खुश रखने का काम जरुर ईमानदारी से करती रहती है पर सट्टे की समस्या को जड़ से समाप्त करने का प्रयास कभी नहीं किया जाता है। 
ईमानदारी की डींगे हांकने में माहिर हैं कोतवाल
सट्टा कारोबार को संरक्षण देने वाली पुलिस के कोतवाल हर मामले में अपने आपको पाक साफ बताने में कोई संकोच नहीं करते। जिले में संचालित होने वाले सिटी कोतवाली, कोलगवां, सिविल लाइंस, मैहर, नागौद, अमरपाटन, रामनगर, मझगवां, उचेहरा, रामपुर बघेलान, नयागांव, कोटर थाना क्षेत्र में सट्टे के अड्डे किसी से छिपी नहीं है। हां इतना जरूर है कि पहले की तरह अब खुलेआम सट्टा कारोबार संचालित नहीं हो पाता है। माहिर लोग सुनियोजित तरीके से सट्टे के धंधे को अंजाम दे रहे हैं। 
पुलिस अधीक्षक से खुश नहीं हैं मातहत
सतना जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर रियाज इकबाल की पदस्थापना होने के बाद से खुलेआम होने वाले अपराधों पर काफी हद तक लगाम लगी है लेकिन स्थाई रूप तौर पर समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। पुलिस अधीक्षक ने सतना में आते ही हर थाने पर फोकस बनाया और अपराधों पर लगाम कसने का भरसक प्रयास किया। यही वजह है कि सभी थाना क्षेत्रों में सट्टे की दुकान अब खुलेआम संचालित नहीं हो पाती है। एसपी ने थानों के टीआई को अपराध पर अंकुश लगाने के लिए मजबूर कर दिया। आक्रामक कार्यशैली के कारण ही सतना एसपी दूसरे पुलिस अधिकारियों की आंखों की किरकिरी बन गए हैं। खुले तौर पर भले ही थानों के टीआई मुखर होकर एसपी रियाज इकबाल के बारे में कुछ नहीं बोल पाते हैं पर अंदर ही अंदर एसपी साहब को कोसने का काम जरुर करते हैं। पुलिस अधीक्षक की सक्रियता के कारण थाना प्रभारियों की ऊपरी कमाई में काफी हद तक लगाम कस गई है। लेकिन सिस्टम में जमीनी स्तर पर सट्टा कारोबार पहुंचने की वजह से इस समस्या का स्थाई समाधान पुलिस नहीं कर पा रही है।


Post a Comment

0 Comments