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बेलगाम बिजली कंपनी, दलालों के मददगार बने अफसर


उद्घोष समय "राष्ट्रीय मासिक पत्रिका"


ऊपरी कमाई करने के लिए जिम्मेदारों ने दिया संरक्षण


सतना। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में हावी रहने वाली अफसरशाही अपने हितों तक सीमित रहती है। जिसके कारण आम उपभोक्ताओं की सुनवाई होने में काफी समय लग जाता है। बिजली कंपनी के दिग्गज अधिकारियों ने हर स्तर पर अपनी ऊपरी कमाई के लिए दलालों को संरक्षण देने का काम जिम्मेदारी के साथ करते हैं। अधिकारियों की वजह से बिजली कंपनी में दलाली एक जटिल समस्या बन गई है। नये बिजली कनेक्शन के साथ साथ लोड बढ़वाने, नया बिजली मीटर लगवाने, शिकायतों का समाधान कराने के लिए उपभोक्ताओं को एजेंटों की शरण में जाना ही पड़ता है। यदि आप नया कनेक्शन लेने के लिए आवेदन करते हैं और बिना घूंस दिए सफल होना चाहते हैं तो आप इधर उधर भटकने के लिए मजबूर हो जाएंगे। बिना चढ़ावे के नये बिजली कनेक्शन को हासिल करने में एक माह से अधिक का समय लग जाता है। अक्सर इस तरह के शिकायती आवेदन सामने आते रहते हैं। अफसरशाही की वजह से बिजली कंपनी में जिम्मेदार पदों पर बैठे इंजीनियर तक लीपापोती करने के आदी हो जाते हैं। शहर संभाग कार्यालय पावर हाउस सहित जिले के अन्य विद्युत वितरण केंदों में प्रतिदिन शिकायतों को लेकर पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को परेशान देखा जाता है।


एस ई और डीई के कार्यालयों में परेशान


 उपभोक्ता आए दिन समस्या लेकर आते हैं। सूत्रों की मानें तो बिना चढोत्री चढाए बिजली कंपनी में काम कराना संभव नहीं है। मुख्य पदों पर तैनात अधिकारियों को कंपनी में चल रही व्यवस्था के नाम पर होने वाले खिलवाड़ को रोकने के बजाय खुलकर संरक्षण देने का काम हमेशा करते हैं।


लोड बढवाना और मीटर लगवाना आसान नहीं
बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार बेलगाम अफसरशाही के कारण आम उपभोक्ताओं को परेशानी झेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। नये बिजली कनेक्शन के साथ साथ लोड बढ़वाना भी आफिसों में आसान नहीं है। इसके लिए भी वहां बने रहने वाले एजेंटों की सहायता लेने के लिए उपभोक्ताओं को विवश होना पड़ता है। सतना शहर में हैवी लोड वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ साथ यदि आपके घर या दुकान में लगा बिजली मीटर खराब हो गया है और दूसरा बिजली मीटर लगवाना है तो इसके लिए भी चढोत्री की प्रथा को फालो करना जरूरी होता है। बिना ऊपरी पैसों के बिजली मीटर नया हासिल करना आम उपभोक्ताओं के लिए कदापि आसान नहीं है। शहर संभाग कार्यालय सहित जिले भर के विद्युत वितरण केंदों में सैकड़ों ऐसे आवेदन लंबित है जो नये बिजली मीटर से संबंधित है। सूत्रों की मानें तो विद्युत वितरण केन्द्र में जिम्मेदार अधिकारियों ने ऊपरी कमाई को साकार कराने के लिए एजेंट व्यवस्था को हमेशा संरक्षण दिया है। बिजली कंपनी मुख्यालय जबलपुर में बैठने वाले आला अधिकारियों की लापरवाही के कारण आम उपभोक्ता हमेशा किसी न किसी समस्या का सामना करने के लिए मजबूर होते हैं। जिसका फायदा उठाकर दलाल दोनों हाथों से ऊपरी कमाई करने में सफल हो जाता है।


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