सुधाकर त्रिपाठी जिला अध्यक्ष पत्रकार सुरक्षा कल्याण परिषद, सतना मध्यप्रदेश
सतना: पत्रकार सुरक्षा कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष सुधाकर त्रिपाठी जनपद पंचायत में कुछ आवश्यक जानकारियां विभाग संबंधित लेने पहुंचे दरवाजे के सामने आज भी दिखाई दे रही है भ्रष्टाचार के नमूने विगत दिनों थोड़ी सी आंधी पानी आ जाने से जो सीड तथा एंगल द्वारा गाड़ी घोड़ा खड़ा करने के लिए बनवाया गया था वह 1 वर्ष के अंतराल में ही धराशाई हो गया। आर्यन शर्मा के कारनामे जनता से छुपे नहीं यह जबसे रामपुर में कार्यरत हुए तभी से हर कार्यों में भ्रष्टाचार जोरों से ब्लॉक स्तर पर चल रहा है । पत्रकारों के पहुंचने से इनको बड़ा कष्ट होता सम्मान पूर्वक बात करने से यह यह अधिकारी द मंगाई दिखाना शुरू कर देता है। कुछ भी प्रश्न करने पर अनाप-शनाप उत्तर देता है इन्हीं के विभाग से सरपंच सचिव जिस पंचायत या गांव पर भ्रष्टाचार चरम सीमा पर चलता है। उसी प्रश्न पर धमकियां तथा देख लेने की बात कहते हैं उनका कहना है कि चाहे पत्रकार हो चाहे कोई बड़ा पहुंच वाला हो मेरा कुछ कोई नहीं बिगाड़ सकता मेरी पहुंच बहुत लंबी है । मैंने बड़े बड़े पत्रकारों को तथा नेताओं को देखा अब तो मेरे नौकरी का अंतिम चरण चल रहा मैं तो आप 30 मई को रिटायर होने वाला हूं । तुम छोटे दर्जे के पत्रकार मेरा क्या बाल बांका कर सकते हो अपने ऑफिस कार्यालय पर अत्यंत अभद्रता पूर्वक ऑफिस से उठ कर चपरासी से बेज्जती पूर्वक भगा देने को आदेश करता है चौथा स्तंभ कहे जाने वाली पत्रकारों को सरकार दिन प्रतिदिन लालच दे कर क्या सरकार इसी तरह के भ्रष्टाचार मचाने वाले अधिकारी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। पत्रकार इस भयंकर महामारी धूप पसीने से चारों तरफ न्यूज़ कवरेज करते क्या शासन पत्रकारों को भी कोई पेमेंट देती है । ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारी जो तानाशाही पूर्वक अड़ियल रवैया रुपया इकट्ठा कर पत्रकार तथा जनता को डरवा ते हये, क्या इनके ऊपर कठोर कार्यवाही नहीं की जा सकती है । जनता ऐसे भ्रष्टाचार कर्मचारी को कब तक मुंक देखती रहेगी इस कारनामे से रामपुर पत्रकारों मैं काफी रोष व्याप्त है ऐसे भ्रष्टाचार अधिकारी के ऊपर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए एक कहावत मशहूर है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे यही बात सिद्ध होती है, ना तो ऐसे अधिकारी से कोई प्रश्न किया जावे ना ही किसी प्रकार की विभाग से संबंधित कोई जानकारियां ले सकते इनका कहना है, मेरा आदेश ब्लॉक स्तर पर सर्वोपरि होता है। मैं कुछ भी कर सकता हूं । जांच की कार्रवाई अगर इनके ऊपर हो तो बेनामी संपत्ति उजागर हो सकती है। ऐसा सूत्र बतलाते हैं।
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