देखिए क्या तमाशा मचा है किसान के पैसा देने के बावजूद भी बाजार पर खाद के विक्री करने वाले लोग लूट मचाकर रखे हैं
किसी भी प्रकार का शासन का भय नहीं
मानक बिंदुओं के आधार पर शासन के आदेश की खुलेआम रामपुर बघेलान में खाद के बिक्री करने वाले दुकानदार धज्जियां उड़ा रहे इन दुकानदारों को किसी भी प्रकार का शासन के अधीनस्थ बैठे अधिकारी का डर नहीं है वर्तमान समय में किसान की बोनी का समय चल रहा है मगर औनेपौने दामों पर नकली खाद डीएपी 18:46, के स्थान पर वही रेट पर यानी की₹3000 कुंटल पता नहीं किसान अभी तक इन कंपनियों का नाम नहीं जानते कि यह बोरी में जो खाद डाली गई है वह नकली है या असली बराबर अपनी बोयनी को देखते हुए इन दुकानदारों से खाद मजबूरी में ले रहे हैं
अगर किसान इन दुकानदारों से खाद लेने की रसीद प्रति कुंतल मांगते हैं तो आखिरकार जब असली खाद दुकानदार किस को दे रहा है तो खाद लेने की रसीद क्यों किसानों को नहीं दी जा रहीहै,
अल मस्त ऊंची रकम यानी की जबरदस्त सरकारी पेमेंट पानी के बावजूद एक तो पदस्त कर्मचारी यानी कि कृषि विभाग की बड़े अधिकारी हफ्ते में एक दिन ऑफिस में आकर के चले जाते उनसे कोई लेना देना नहीं की किस के पास क्या समस्या चाहे किस को नकली खाद दी जाए या राखड़ इन अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं
किसानों के विकटसमस्या के बाद आज आनंनफाननमें मनी, रामपुर तहसीलदार ने कुछ दुकानों पर औचक निरीक्षण किया उन दुकानदारों को दिखावटी समझाइसदिये मगर दुकानदार इतना सब कुछ जानते हैं कि यह सब दिखावटी समझाइस दी गई है हमको तो वही करना है जो रोज किसानों के साथ कर रहे हैं,
सवाल यह उठ रहा है कि जिस स्थान पर तहसील कार्यालय पर एसडीम साहब, तहसीलदार साहब तथा कृषि विभाग की एसडीओ बैठते हो उस स्थान पर किसानों को ब्लैक मैं नकली खाद खरीदने में मजबूरहो सवाल यह उठ रहा है कि अन्नदाता अन्य पैदा कर देश के तरक्की में अहम भूमिका अदा कर रहा मगर हमारे जिला के सत्ताधारी नेता यानी की वर्तमान में सांसद तथा विधायक जो जनप्रतिनिधि जनता के द्वारा चुने जाते हैं उनको भी चाहिए कि किसानोकी समस्याओं पर अतिसिघ ध्यान देकर समस्या का निदान करवाया जावे तथा अलमस्त बैठे बड़ी अधिकारी किसानों के समस्याओं पर खरे उतरे।
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