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आनलाइन व्यवस्था फिर भी आसान नहीं बिजली कनेक्शन



दलालों की घुसपैठ से आम जनमानस होता हलाकान


सतना। शासन स्तर से आम जनता को राहत देते हुए आन लाइन बिजली कनेक्शन देने का सिस्टम जरुर लागू कर दिया है पर उसके बाद भी उपभोक्ताओं को नये बिजली कनेक्शन के नाम पर सुनियोजित तरीके से भटकाने का काम किया जाता है। आन लाइन सिस्टम होने के बाद भी बिना एजेंट की मदद के आप नया बिजली कनेक्शन हासिल नहीं कर सकते। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में बेलगाम अफसरशाही के कारण ही उपभोक्ताओं को हर काम के नाम पर परेशानी झेलनी पड़ती है। बिजली कनेक्शन देने की व्यवस्था पर दलालों का सुनियोजित प्रवेश करवाया गया है। बिजली विभाग में तैनात जिम्मेदार इंजीनियरों और सक्षम अधिकारियों के संरक्षण में दलाल हर कार्यालय में काबिज हो गये हैं। नये बिजली कनेक्शन की फाइल को तैयार करने का काम वही एजेंट करते हैं जो अनाधिकृत रूप से हर बिजली दफ्तर के बाहर हमेशा नजर आते हैं। मुंह मांगी फीस लेकर दलाल उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का काम जिम्मेदार के साथ करते हैं। बिजली कंपनी के दफ्तरों के बाहर तैनात दलालों के बिना नया बिजली कनेक्शन हासिल करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है। यदि आप राजनैतिक, आर्थिक मजबूत है तब जरुर आपका काम आसानी से संभव हो सकता है। आम लोगों के लिए नया बिजली कनेक्शन हासिल करना भी आन लाइन सिस्टम के जमाने में मुसीबत भरा रहता है। शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी उपभोक्ताओं के लिए दलालों पर आधारित बिजली कंपनी की व्यवस्था नासूर जैसी समस्या बन गई है। 
शहर संभाग कार्यालय बना अखाड़ा
मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की घोर लापरवाही के कारण कार्यालयों में दलालों की अनाधिकृत व्यवस्था कायम हो गई है। सतना जिले के शहर संभाग कार्यालय में एजेंटों की मौजूदगी बड़े स्तर पर लागू है। चाहे कोई भी डीई की कुर्सी पर बैठे पर दलालों की प्रथा किसी भी स्थिति में बंद नहीं हुई है। शहर संभाग कार्यालय पुराना पावर हाउस में बाहर की तरफ ही दलाली करने के लिए दुकानें खुली हुई है। आफिस के अंदर भी एजेंटों की मौजूदगी बनी रहती है। यहां पर तैनात बाबुओं का भरपूर सहयोग दलालों को मिलता है। जिसके एवज में दलाल रोज शाम के वक्त हिसाब किताब किया जाता है। बाबुओं को हर कनेक्शन के एवज में ऊपरी कमाई नसीब होती है। शहर संभाग कार्यालय में तकरीबन आधा दर्जन से अधिक ऐसे दलाल हैं जो नये बिजली कनेक्शन दिलवाने, लोड बढ़वाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते हैं। 
जिम्मेदारों ने सजाई कमीशन की दुकानें
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी के आफिसों में दलालों की अनाधिकृत व्यवस्था विभाग के सक्षम अधिकारियों की देन है। डिवीजन कार्यालय के साथ साथ विद्युत वितरण केंदों में पदस्थ डीई, एई और जेई की सरपरस्ती में दलाल तैनात रहते हैं। कुल मिलाकर जिम्मेदार अधिकारियों ने ही ऊपरी कमाई करने के लिए कमीशन की दुकानें सजा डाली है। बिजली आफिस में काम करने वाले बाबुओं का भरपूर सहयोग दलालों को हमेशा बराबर मिलता है। बिजली कनेक्शन देने के पहले सर्वे के नाम पर सामने वाले उपभोक्ता से पैसों की वसूली को एजेंट अंजाम देते हैं।


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