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अवैधानिक रूप से शैक्षणिक संस्थानों का जारी संचालन



रसूखदारों ने सुनियोजित तरीके से किया खेल, सभी मौन


विशेष रिपोर्ट। जालसाजी के माध्यम से तैयार कराए गए दस्तावेजों के आधार पर ट्रस्ट की जमीन अपने व्यक्तिगत नाम करने वाले रसूखदारों ने बड़े पैमाने पर सुनियोजित खेल को ईमानदारी से अंजाम दिया गया है। मां शारदा की नगरी मैहर में अवैधानिक तरीके से शैक्षणिक संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। मजेदार बात यह है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे चंद रसूखदारों ने शिक्षा की नियम विरुद्ध दुकानें खोल रखी हैं। एक साथ दो जगहों से आर्थिक लाभ कानून के अनुसार नहीं लिया जा सकता, इसके बाद भी रसूखदारों ने दो से तीन समितियों में एक ही तरह के लोगों को पदाधिकारी बताया है। स्वामी नीलकंठ शिक्षा समिति ओईला आश्रम के महंत बम महादेवदास अध्यक्ष, लक्ष्मण डोडानी कोषाध्यक्ष, एलडी त्रिवेदी सचिव हैं। यही तीनों रसूखदार दूसरी समितियों में भी मुख्य पदों पर जमे हुए हैं। जबकि ऐसा किया जाना विधि विरुद्ध है। चालाक रसूखदारों ने नीलकंठ विधि महाविद्यालय, नारायणदास शिक्षा महाविद्यालय, नारायणदास पत्राचार महाविद्यालय और एस एनडी प्राईवेट आईटीआई का अवैधानिक संचालन निरंतर किया जा रहा है। 
एक ही भवन में चार संस्थाएं कैसे संचालित



सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रसूखदारों ने शिक्षा माफिया बनाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चार से अधिक संस्थान संचालित कर रखे हैं। स्वामी नीलकंठ आश्रम के एक ही भवन में चार शैक्षणिक संस्थान नियम विरुद्ध संचालित कराए जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि संबद्धता हासिल करने के लिए एक ही भवन का रंग बदलने का काम ईमानदारी से करते हैं। जमीनी हकीकत यह है कि इन चार शैक्षणिक संस्थानों में कोई लाईब्रेरी नहीं है। कम्प्यूटर लैब का नामोनिशान यहां पर नहीं है। स्टाफ को लेकर भी सुनियोजित लीपापोती की गई है। 


आरटीआई से खुलासा, फर्जी अंकसूची का लिया सहारा


अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा ने सूचना के अधिकार के तहत लगाए गए आवेदन पर जो दस्तावेज उपलब्ध कराएं हैं वहीं फर्जी कारनामों की पोल खोल रहे हैं। एल एल एम, एम एड और पीएचडी की जालसाज अंकसूची का सहारा लिया गया है। श्रीमती हेमलता सिंह और श्रीमती एच एल सिंह ने जालसाजी के साथ दस्तावेज तैयार करवा कर लंबे खेल को अंजाम दिया है। सभी डिग्री जालसाजी का खेल उजागर कर रही हैं।


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