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डीजी होमगार्ड को ठेंगा दिखा रहे हैं सतना के कमांडेंट



बिना किसी आदेश के खनिज विभाग, आरटीओ में तैनात


विशेष रिपोर्ट सतना। डीजी होमगार्ड के आदेश पर मध्य प्रदेश के सभी जिलों में व्यवस्था को जरुर लागू कर दिया गया पर सतना जिले में मनमानी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां तो डंके की चोट पर होमगार्ड कमांडेंट डीजी के आदेश को सरेआम ठेंगा दिखाते हुए अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। मजेदार बात यह है कि पिछले तीन महीने से बिना किसी आदेश के ही खनिज विभाग और आरटीओ विभाग में होमगार्ड के जवानों से काम लिया जा रहा है। इन सिपाहियों की खनिज विभाग या फिर आरटीओ ऑफिस में तैनाती करने का कोई आदेश कमांडेंट होमगार्ड ने आज तक जारी नहीं किया है, इसके बाद भी आधा दर्जन सिपाहियों को दो सरकारी कार्यालयों में तैनात कर दिया गया है। सतना में पदस्थ होमगार्ड कमांडेंट अपनी पदस्थापना के बाद से लगातार अपने कारनामों के चलते सुखियों में बने रहते हैं। बिना किसी तैनाती आदेश के आधा दर्जन होमगार्ड के सिपाही किस आधार पर खनिज विभाग और परिवहन विभाग में काम कर रहे हैं, यह कोई समझ नहीं पा रहा है। मध्य प्रदेश शासन ने मूल विभाग में तैनात रहने का आदेश भी जारी कर रखा है इसके बाद भी होमगार्ड कमांडेंट अपनी मनमानी चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। डीजी होमगार्ड के आदेश को रीवा सहित मध्य प्रदेश के दूसरे जिलों में जिम्मेदारी के साथ लागू कर लिया गया पर अभी तक सतना जिले में डीजी का आदेश रद्दी की टोकरी में फेंक दिया है। होमगार्ड कमांडेंट अपने वरिष्ठ अधिकारी डीजी होमगार्ड के आदेश पर अमल करना जरूरी नहीं समझते। इतना ही नहीं यदि उनसे डीजी के आदेश को लेकर सवाल किया जाता है तो वे कहते हैं कि जिले में कहां किससे कौन सा काम लेना है , यह हमसे बेहतर कोई नहीं जानता है। बिना आदेश के ही आधा दर्जन सिपाहियों को खनिज और परिवहन विभाग में तैनात किया गया है, कुल मिलाकर होमगार्ड डीजी का लिखित आदेश भी सतना के होमगार्ड कमांडेंट को नींद से नहीं जगा पाया है। 



होमगार्ड के इन सिपाहियों पर विशेष कृपा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीजी होमगार्ड का आदेश जारी होने के बाद भी उस पर सतना में जानबूझकर अमल नहीं किया गया है। कुछ चहेते होमगार्ड सिपाहियों को होमगार्ड के कमांडेंट ने बिना कोई आदेश जारी किया खनिज विभाग और परिवहन विभाग में तैनात कर दिया है।  हासिल जानकारी के अनुसार पिछले तीन महीने से खनिज विभाग में मनोज गौतम, सीताराम विश्वकर्मा बिना किसी लिखित आदेश के सेवाएं दे रहे हैं तो वहीं प्रमोद दि्वेदी, चंदशेखर दुबे, गिरिराज चतुर्वेदी को परिवहन विभाग में लगाया गया है। मजेदार बात यह है कि परिवहन विभाग के लिए भी होमगार्ड कमांडेंट ने किसी तरह का कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया है। पिछले तीन महीने से होमगार्ड कमांडेंट आधा दर्जन सिपाहियों से नियम विरुद्ध काम करवा रहे हैं। इसके बाद भी संभागीय मुख्यालय में बैठने वाले जिम्मेदार मुखिया ने किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है। 
लेन-देन में माहिर कमांडेंट,


मिलता है बराबर हिस्सा
होमगार्ड कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नौकरी के नाम पर जानबूझकर मनमानी चलाना सतना कमांडेंट कार्यालय की परंपरा बन गई है। सूत्रों ने बताया कि जिन होमगार्ड सिपाहियों को बिना किसी तैनाती आदेश के जिला खनिज विभाग और जिला परिवहन विभाग में भेजा गया है वे कमांडेंट के इस अहसान के बदले हर महीना नजराना पहुंचाने भी बराबर जाते हैं। खनिज विभाग और परिवहन विभाग में होने वाली ऊपरी कमाई किसी से छिपी नहीं है। इसी ऊपरी कमाई के कारण कमांडेंट जैसे दिग्गज अधिकारी को भी बराबर नजराना मिलता रहता है। वैसे भी होमगार्ड कमांडेंट आफिस सिपाहियों को तैनाती देने के मामले में अपने स्वार्थ को पूरा करना अच्छी तरह जानता है।


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