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वाह रे कानून व्यवस्था, दिन दहाड़े सलामत नहीं है जनता


कोलगवां टीआई अपराध कंट्रोल करने में निरंतर असफल


विशेष रिपोर्ट सतना। जब दिन दहाड़े राह चलते लोग सुरक्षित न रहें तो समझ लेना चाहिए कि अब सिर्फ भगवान का ही सहारा है। अपने आप को हाईटेक कहने वाली सतना पुलिस का फेलुअर जनता के लिए आफत बन गया है। जब देखा जहां देखो, वहां हो रहा है अपराध। भला यह कैसा राम राज्य है जहां प्रजा के ऊपर आए दिन संकट के बादल निमित्त हो जाते हैं। सतना जिले में कोलगवां थाना हमेशा सुर्खियों में बना रहता है, कहीं मालदार अधिकारी के लिए तो कहीं बढ़ते अपराध के लिए। मंगलवार की दोपहर कोलगवां थाना क्षेत्र के चौरसिया पेट्रोल पंप से बैग पार कर दिया गया है। पेट्रोल पंप के पास शाम चार बजे करीब एक चार पहिया वाहन खड़ा हुआ था तभी एमपी 07 सीएफ 5406 वाहन के अंदर रखा बैग अज्ञात लोगों ने पार कर दिया। जिस समय  यह घटना हुई तो वहां पर और लोग मौजूद जरुर थे पर किसी ने चोरों को रोकना जरूरी नहीं समझा। बैग में बैंक पासबुक, पेन ड्राइव, महत्वपूर्ण दस्तावेज सहित पैसे भी मौजूद थे। कोलगवां थाना क्षेत्र में लगातार बड़ी आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं उसके बाद भी कोलगवां टीआई पुलिस की दहशत नहीं बना पा रहे हैं। काम चलाऊ व्यवस्था के कारण आम जनता यहां पर अपने आपको असुरक्षित महसूस करने लगी है। दिन दहाड़े जिस तरह के अपराध लगातार कोलगवां थाना क्षेत्र में सामने आ रहे हैं, उससे निस्संदेह पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। पुलिस अधीक्षक अपराध मुक्त समाज की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहे हैं पर अफसोस ऊपरी कमाई तक सीमित रहने वाले अधिकारी एसपी के मंसूबों को पूरा नहीं होने देना चाहते। कुछ दिनों पहले इसी कोलगवां थाना क्षेत्र में बस स्टैंड परिसर में एक भारी भरकम बैग को अपराधियों ने दिन दहाड़े पार कर दिया था। उस मामले में भी कोलगवां थाना पुलिस कोई तीर नहीं मार पाई है। लगातार सामने आने वाली घटनाओं को देखते हुए जिले के मुखिया को आत्ममंथन करने की जरूरत है जिससे थाना सही तरीके से पुलिसिंग व्यवस्था को लागू कर सके। घटनाओं के सिलसिले को नजर अंदाज करना पुलिस के लिए ही भारी साबित हो सकता है। आखिर कोलगवां थाना क्षेत्र में कैसी पुलिसिंग चल रही है कि अपराधियों में किसी तरह का खौफ नहीं है। कोलगवां थाना प्रभारी मोहित सक्सेना गंभीर और सक्रिय अधिकारियों में गिने जाते हैं और उसके बाद भी घटनाओं का दौर न थमना सवालों को जन्म देता है। काश सट्टा जैसी मुस्तैदी हमारी पुलिस दूसरी घटनाओं के मामले में भी दिखा पाती। 
*हमेशा सुर्खियों में रहता है कोलगवां थाना*
वैसे तो सतना जिले का हर थाना अपनी अलग खूबी के लिए जाना जाता है पर कोलगवां थाना उनसे कहीं ज्यादा अलग है। सिन्धी कैंप जैसा डूबलीकेट बाजार डंके की चोट पर संचालित होता है तो चोर उचक्कों का पूरा गिरोह सुबह से मौके की तलाश करने अपने साथियों को लेकर निकल पड़ता है। जहां उन्हें मामला ढुलमुल नजर आया तो पलक झपकते ही कहानी हो जाती है। बताया गया है कि जिस चार पहिया वाहन से मंगलवार को शाम चार बजे घटना को अंजाम दिया गया है वह चौरसिया पेट्रोल पंप के बगल में पंचर बनवा रही थी। पंद्रह दिन पहले बस स्टैंड क्षेत्र और फिर चौरसिया पेट्रोल पंप के पास दूसरी बड़ी घटना को डंके की चोट पर दिन दहाड़े अंजाम दिया गया। पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल जैसे अधिकारी बेहतर पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं और जब उनके होते हुए बीच शहर में बैग पार करने जैसे अपराध होते हैं , तो आम जनता हमेशा सोच में पड़ जाती है।


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