शहर वासियों के लिए सुबह से परेशानी का दौर शुरू
सतना। विंध्य क्षेत्र की औद्योगिक राजधानी सतना जिला पंद्रह साल तक पूरी तरह से उपेक्षित रहा है। बड़ी मुश्किल से सतना शहर में पहले फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है। ठेकेदार और सेतु निगम की लीपापोती के कारण शहर मुख्यालय में पहला फ्लाईओवर विलंब के चक्रव्यूह में फंस गया है। शहर के बस स्टैंड क्षेत्र से कोलगवां थाना क्षेत्र के करीब तक फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। सतना शहर का पहला फ्लाईओवर तीन दिशाओं में बनाया जा रहा है। तीसरा हिस्सा बिरला रोड की तरफ जाता है। राज्य शासन ने फ्लाईओवर निर्माण के लिए जो समय सीमा तय की थी वह समाप्त हो चुकी है इसके बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अभी तीनों दिशाओं में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य लंबित पड़ा हुआ है। सूत्रों की मानें तो जिस ठेकेदार को सेतु निगम ने टेंडर दिया है वही जानबूझकर विलंब करने के आदी हो गए हैं। सितंबर 2017 में सतना शहर के पहले फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तकरीबन ढाई साल का समय बीत जाने के बाद भी फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अभी तक मात्र 40% फ्लाईओवर का निर्माण कार्य कराया गया है। ढाई साल का वक्त बीत जाने के बाद भी फ्लाईओवर का काफी निर्माण कार्य बचा हुआ है। सतना शहर में पहले फ्लाईओवर निर्माण कार्य की गति कछुआ चाल बनी होने के कारण जनता आवागमन के दौरान परेशानी झेलने को मजबूर होती है। असुरक्षित तरीके से फ्लाईओवर का निर्माण कराए जाने की वजह से हर समय धूल डस्ट का सामना करने के लिए शहर वासी मजबूर होते हैं। जिस हिस्से में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है वहां आसपास सड़क का हुलिया इतना खराब हो गया है कि पैदल चलने में भी बराबर सावधानी बरतनी पड़ती है। आए दिन तेज रफ्तार वाले वाहन चालकों का एक्सीडेंट सामने आता रहता है। जिला प्रशासन फ्लाईओवर निर्माण करने वाले ठेकेदार पर किसी तरह का दबाव नहीं बना पाया यही वजह है कि घसिट घसिट के फ्लाईओवर का निर्माण कार्य मौके पर चल रहा है।
फ्लाईओवर की कुल 750 मीटर है कुल लंबाई
लोक निर्माण विभाग का सेतु निगम सतना शहर में पहले फ्लाईओवर का निर्माण करवा रहा है। निर्माणाधीन फ्लाईओवर की कुल लंबाई 750 मीटर बताई जाती है। सितंबर 2017 से सतना शहर में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। अभी तक सिर्फ 40 से 50% निर्माण कार्य ही किसी तरह ढाई साल में पूरा हुआ है। नियमित रूप से निर्माण कार्य न किए जाने की वजह से फ्लाईओवर का सपना पूरा होने में अभी और समय लगेगा। तीन दिशाओं में बन रहे सतना शहर के पहले फ्लाईओवर के निर्माण की कुल लागत 3.5 करोड़ बताई जाती है। सूत्रों की मानें तो ठेकेदार कु लापरवाही के कारण पहले फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा होने में अभी कम से कम डेढ़ साल से अधिक का समय और लग जाएगा। जिस विकास कार्य को अधिकतम दो साल में पूरा हो जाना चाहिए था, वह तकरीबन ढाई साल बाद बमुश्किल पचास फीसदी हो पाया है।
निर्माण की गुणवत्ता से सुनियोजित खिलवाड़
सतना शहर के पहले फ्लाईओवर निर्माण कार्य की गति रफ्तार पकड़ने का नाम नहीं ले रही है। सूत्रों की मानें तो लोक निर्माण विभाग के सेतु निगम में तैनात वरिष्ठ इंजीनियरों ने लापरवाह ठेकेदार के साथ मिलकर एजेंडा तय कर लिया है। भुगतान की फाइल समय समय पर आगे बढ़ाने के लिए ठेकेदार उसमें वजन चढ़ाने का काम जिम्मेदारी के साथ करता है। इतना ही नहीं एस ई, डीई जैसे दिग्गज अधिकारियों को बराबर पहले से तय कमीशन का नजराना चढ़ाया जाता है। भरोसेमंद सूत्रों ने कहा कि लोक निर्माण विभाग हो या सेतु निगम में तैनात अधिकारियों से लेकर बाबुओं तक का हिस्सा फिक्स होता है। शासन स्तर से लीपापोती होने के कारण फ्लाईओवर का निर्माण करने वाली एजेंसी अपनी मनमानी करने की आदी हो गई है।
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