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महिला बाल विकास विभाग में बड़े पैमाने पर रिश्वत का खेल, अधिकारी है पूरा फेल


  • परियोजनाओ में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार

  • सीडीपीओ को प्रतिमाह एक निश्चित राशि




  • उद्घोष समय "राष्ट्रीय मासिक पत्रिका"


सतना- महिला बाल विकास विभाग में भारी भ्रष्टाचार की खबर। विभाग में पदस्थ कुछ सीडीपीओ और रसूखदार सुपरवाइजरो की मिलीभगत से लाखों के घोटाले की मिली जानकारी। आंचलिक क्षेत्र की कई परियोजनाओ में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार। कागजो में चल रही आंगनवाड़ी केन्द्र। उदाहरण के तौर पर चित्रकूट परियोजना 2 बिरसिंहपुर में सीडीपीओ अनीता द्विवेदी पदस्थ है। परन्तु सम्पूर्ण कामकाज सुपरवाइजर हेमन्त सिंह देखता है। हेमन्त सिंह करीब 10 वर्षो से बिरसिंहपुर परियोजना में पदस्थ है। आरोप है सीडीपीओ को प्रतिमाह एक निश्चित राशि दी जाती है। और सीडीपीओ कोरम पूर्ती के लिए कभी कभार परियोजना कार्यालय चली जाती है। इसी प्रकार परियोजना अमरपाटन में सीडीपीओ नागेन्द्र तिवारी पदस्थ है जो महीनो तक कार्यालय से नदारत रहता है। तथा सीडीपीओ ने एक अपने खास व्यक्ति को परियोजना की कमान सौपे हुए है वह व्यक्ति अघोषित रूप से सीडीपीओ बना हुआ है, और जमकर अवैध वसूली कर रहा है। इस पूरे मामले की जानकारी डीपीओ और कलेक्टर को है या नही यह स्पष्ट नही हो सका। परन्तु ऐसी मनमानी कार्यशैली से विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है।


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