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शहर में कोरोना संदिग्ध की धरपकड़ जोरो पर


एक ही मामले में एक परिवार को 26 मार्च तो एक को 14 अप्रैल तक क्यों किया जा रहा है isolate.क्यों प्रशासन का ऐसा दोहरा मापदंड
आज जिस तरीके से एक डॉक्टर विशेष को टारगेट बनाकर उन्हें अनावश्यक रूप से कोरोना से जोड़ कर संदिग्ध बना दिया गया उसकी निंदा होनी चाहिए।मुद्दा यह नहीं कि किसी की जांच न हो,मुद्दा यह है कि एक ही यात्रा से एक साथ लौट रहे दो परिवारों के साथ ऐसा दोहरा मापदंड क्यों।महेंद्र जैन के परिवार को जहां 26 मार्च तक isolate किया जा रहा है तो वहीं डॉ जैन के परिवार के यहां चस्पा नोटिस उन्हें  14 अप्रैल तक isolation की बात कह रही है।शहर का हर आमजन इस बात को जानता मानता है एक आज सतना में इमरजेंसी का पर्यायवाची मानेजाने वाले डॉक्टर राजेश जैन खुद इस मामले में आगे आते हुए सतना के स्वास्थ्य विभाग को पहले दिन ही जानकारी दे चुके हैं बावजूद उनके साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है।इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह है कि आज अचानक पूरे शहर में हर वो व्यक्ति खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है जो उनसे 5 मार्च को सतना वापसी के बाद मिला है।आज उनके स्टाफ के लोगों के साथ उनके मोहल्ले के लोग उनके साथ सौतेला व्यवहार करते हुए उन्हें मोहल्ले से भगा रहे हैं।इस मामले के जिम्मेदार जिले के सीएमएचओ को मामले की वास्तविकता के साथ सामने आना चाहिए और ऐसे माहौल का तत्काल पटाक्षेप करना चाहिए।अगर डॉक्टर राजेश जैन या उनके परिजनों में किसी भी प्रकार का कोई प्रारंभिक लक्षण मिलता है तो  यह कार्यवाही उचित है लेकिन अगर नहीं तो जिले के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के साथ ऐसा व्यवहार पर प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।


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