जिले में अवैध शराब बिक्री को संरक्षण देता है विभाग
विशेष रिपोर्ट। शराब माफिया का मजबूत नेटवर्क किसी से छिपा नहीं है। शराब की बिक्री नियमानुसार हो इसके लिए शासन ने जिला आबकारी विभाग और आबकारी पुलिस बना रखी है। लेकिन अफसोस यही वह विभाग और पुलिस है जो शराब माफिया के हाथों की हमेशा कठपुतली साबित होता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 का अंतिम दौर चल रहा है। इसलिए ज्यादा माल बेचने के लिए एम आरपी से कम रेट में अंग्रेजी शराब बेचने का सनसनीखेज मामला सतना शहर के गहिरानाला में संचालित अंग्रेजी शराब दुकान में सामने आया जरुर पर ठेकेदार के खिलाफ जिला आबकारी विभाग और आबकारी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सिर्फ औपचारिकता पूरी करते हुए मामूली जुर्माना भराने का सुनियोजित तरीके से कर लिया गया। सूत्रों की मानें तो गहिरानाला शराब दुकान में एम आरपी से कम रेट में शराब बेचने का मामला सामने आने के उपरांत जिला आबकारी अधिकारी और नामचीन उपनिरीक्षक अवधिया मौके पर पहुंचे थे। तब तक मौके पर शराब दुकान के ठेकेदार विजय जायसवाल के करीबी भी पहुंचे और उन्होंने आसानी से बिकने के लिए तैयार रहने वाले विभाग के दो बड़े और सक्षम अधिकारी को चुटकी बजाते ही मैनेज कर लिया। सूत्रों ने बताया कि मामले को दिखाने तक सीमित रखने के लिए शराब ठेकेदार ने तत्काल दो सक्षम अधिकारियों को मनमाफिक लक्ष्मी से मैनेज कर डाला। बताया गया कि आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक राकेश अवधिया इन दिनों जिले भर में शराब माफिया के सबसे करीबी और खास बने हुए हैं। यही वजह है कि जिला आबकारी विभाग के संरक्षण में ही शराब की अवैध बिक्री का काम डंके की चोट पर चलता रहता है।
*सावित्री भगत शोपीस, अवधिया का असली जलवा*
जिला प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जिले भर में शराब माफिया के लिए आबकारी विभाग का समर्पण किसी से छिपा नहीं है। जिले में दिखावे के लिए जरुर सावित्री भगत जिला आबकारी अधिकारी हैं पर असली जलवा दोनों हाथों से मलाई खाने वाले बहुचर्चित उपनिरीक्षक राकेश अवधिया का है। अपनी पदस्थापना के बाद से लगातार अवधिया शराब माफिया के मंसूबों को पूरा कराने का काम करते हैं जिसके कारण जिले में शराब ठेकेदारों और माफिया का सबसे पसंदीदा अफसर राकेश अवधिया ही है। सतना में पदस्थापना होने के बाद उपनिरीक्षक अवधिया ने दोनों हाथों से मलाई को समेटने का काम किया है यही वजह है कि लाखों रुपए की संपत्ति वे आसानी से बना चुके हैं। जिला आबकारी अधिकारी सावित्री भगत सरकारी दस्तावेजों से संबंधित कामकाज निपटाने तक सीमित रहती है। फील्ड का और खासकर वजनदार शराब ठेकेदारों को उपनिरीक्षक राकेश अवधिया ही हमेशा मैनेज करते हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले के अंदर शराब कारोबार पांडेय एसोसिएट को करना है। 31 मार्च के बाद से जिम्मेदारी इनके हाथों में होगी। आबकारी विभाग और पुलिस ही शराब ठेकेदारों को अधिक से अधिक दो नंबर का काम कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
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