सतना।
P26 नवंबर। मंगलवार।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय,नई दिल्ली, बायोटेक रिसर्च सोसाइटी(बी आर एस आई), भारत और इंटरनेशनल सेंटर ऑफ जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (आई सी जी ई बी) न्यू दिल्ली की सह आयोजकतत्व में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के विश्व के कई वैज्ञानिक शामिल हुए। यहां एकेएस के बायोटेक विभाग अध्यक्ष का नवाचारों पर आमंत्रित भाषण खूब प्रशंसनीय रहा । आईबीएस-2024 में एकेएस के प्रो.कमलेश चौरे ने थर्मोफिलिक बैक्टीरिया जो की पंचमढ़ी में निकलने वाले गर्म पानी के श्रोतों से ढूंढे गए है का इंडस्ट्रियल एंजाइम के उत्पादों में महत्व है पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और जैव प्रौद्योगिकी में इंटरफ़ेस अनुसंधान के लिए एक केंद्र विकसित करने के लिए आव्हान किया। जैव प्रौद्योगिकी में अपने नवाचारों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आईबीएस-2024) में एक प्रभावशाली आमंत्रित भाषण देने के लिए प्रो. कमलेश चौरे (प्रमुख, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, एकेएसयू) को बधाई मिली है। बायोटेक रिसर्च में प्रो. चौरे की प्रस्तुति "हॉट स्प्रिंग्स (गर्म पानी की धाराएं) और कार्यात्मक से जुड़े थर्मोफाइल्स बैक्टीरिया की विविधता के मूल्यांकन" पर केंद्रित रही। आईबीएस 2024 में 45 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और विशेषज्ञों की 350 से अधिक विभिन्न रिसर्च और बायो ईनोवेशन पर लिए एक वैश्विक मंच के रूप में प्रकाश डाला गया। इसमें औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी, चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी, ऊर्जा जैव विज्ञान, पर्यावरण जैव प्रौद्योगिकी और खाद्य एवं कृषि जैव प्रौद्योगिकी सहित विविध विषयों पर चर्चा की गई। प्रो.चौरे की अंतर्दृष्टिपूर्ण बातचीत ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और जैव प्रौद्योगिकी में यह उपलब्धि स्थायी जैव प्रौद्योगिकी समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोफेसर चौरे की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने डॉ. कमलेश चौरे को बधाई दी है।
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