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सतना जिले मध्य प्रदेश की पादप विविधता। डॉ राम लखन सिंह सिकरवार ने लिखी पुस्तक।

 एकेएस विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्राध्यापक ने एक जानकारी पूर्ण पुस्तक को आकार दिया है। सतना जिले मध्य प्रदेश की पादप विविधता नामक पुस्तक डॉ. राम लखन सिंह सिकरवार ने लिखी है।उन्होंने बताया कि विंध्य पर्वत श्रृंखला का हिस्सा रहा सतना जिला प्राचीन काल से ही जैविक और सांस्कृतिक विविधता से समृद्ध रहा है। सतना जिले के कई क्षेत्र जैसे कि चित्रकूट] मझगवां] बरौंधा] परसमनिया आदि जैव विविधता से समृद्ध हैं। "सतना जिले मध्य प्रदेश की पादप विविधता" नामक पुस्तक सतना जिले (म.प्र.) के जंगली पुष्पीय पौधों के 10 साल के व्यापक सर्वेक्षण के परिणाम पर आधारित है। सतना जिले के विभिन्न वन क्षेत्रों से पौधों के वाउचर नमूने एकत्र करने के लिए नियमित सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण की व्यवस्था इस प्रकार की गई थी कि नियमित अंतराल पर सभी मौसमों को कवर किया जा सके। सभी पौधों को विभिन्न फेनोलॉजिकल चरणों अर्थात वनस्पति] फूल और फलने के समय में एकत्र किया गया था।पुस्तक को 10 अध्यायों में विभाजित किया गया है।
जैसे- परिचय, धार्मिक और पर्यटन स्थल] वन और वनस्पति] औषधीय और संकटग्रस्त पौधे, साहित्य की समीक्षा] सामग्री और विधियां] पुष्पीय पौधों की गणना, सांख्यिकीय विश्लेषण] तथा वनस्पति शब्दों की शब्दावली। पौधों को वानस्पतिक नाम] पर्यायवाची शब्द, स्थानीय नाम, कुल] वर्गीकरण विवरण, खतरे की स्थिति और उपयोगों को वर्णानुक्रम में व्यवस्थित किया गया है और सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में 527 जेनेरा और 120 कुलों से संबंधित 860 पुष्पीय पौधों का सही और वर्तमान वानस्पतिक नाम] विवरण, निवास स्थान] फल और फूल आने का समय और उपयोगों का विवरण दिया गया है। । यह पुस्तक विद्यार्थियों] शोधकर्ताओं] शिक्षकों] वनस्पतिशास्त्रियों और वनकर्मियों के लिए पौधों के संग्रह और पहचान के लिए बहुत उपयोगी है। 92 पौधों के रंगीन छायाचित्र 13 प्लेटों में दिए गए हैं। इस पुस्तक का प्रकाशन जया पबलिशिंग हाउस, नई दिल्ली ने किया है। इसमें 210 प्रष्ठ हैं और इसकी कीमत 3295 रुपए है तथा डिस्काउंट पर रुपए 2800.75 पर उपलब्ध है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

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